Friday, December 14, 2007

आलोक धन्‍वा ( बाएं ) और कुमार मुकुल


आलोक धन्वा ( बाएं ) और कुमार मुकुल



कीमत

अब तो भूलने की भी बडी कीमत मिलती है

अब तो यही करते हैं
लालची जलील लोग .

( आलोक जी ने यह छोटी सी कविता 1997 में लिखी थी )



( छाया - कुमार मुकुल से साभार )


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